शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, देवास में दिनांक 26 सितंबर 2025 को “Srimad Bhagavad Gita: Eternal Wisdom for Past, Present and Future” विषय पर एक प्रेरणादायक विशेषज्ञ व्याख्यान (Expert Lecture) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), इंदौर के सहायक प्राध्यापक प्रो. शेखर शुक्ला मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सोनल भाटी ने की।
प्राचार्या डॉ. सोनल भाटी ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीमद्भगवद् गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह जीवन का मार्गदर्शन करने वाला शाश्वत ग्रंथ है, जो कर्म, ज्ञान और भक्ति के समन्वय से मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और संतुलन की राह दिखाता है। उन्होंने इस आयोजन को विद्यार्थियों के नैतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास की दिशा में एक सार्थक पहल बताया।
मुख्य वक्ता प्रो. शेखर शुक्ला ने गीता के विभिन्न अध्यायों के संदर्भ में कर्मयोग, आत्मनियंत्रण, नेतृत्व और जीवन प्रबंधन के सिद्धांतों को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गीता का सार केवल युद्धक्षेत्र के लिए नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में लागू होता है। उनका व्याख्यान विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए अत्यंत प्रेरक और ज्ञानवर्धक रहा।
इस अवसर पर प्रो. शेखर शुक्ला द्वारा कॉलेज के समस्त शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में 350 प्रतियाँ “श्रीमद्भगवद् गीता” की निःशुल्क वितरण की गईं, जिससे विद्यार्थियों में अध्यात्म, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ी। इस पहल ने विद्यार्थियों को जीवन के प्रति एक नई दृष्टि दी और आत्मबल का संचार किया।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित विद्यार्थियों ने प्रो. शुक्ला के विचारों को जीवन के लिए प्रेरणास्रोत बताया। अंत में प्राचार्या डॉ. सोनल भाटी ने अतिथि प्रो. शेखर शुक्ला का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अत्यंत सहायक सिद्ध होते हैं। यह आयोजन न केवल एक व्याख्यान था, बल्कि ज्ञान, आस्था और जीवन प्रबंधन का एक सजीव संगम था, जिसने विद्यार्थियों को गीता के शाश्वत संदेश — “कर्म ही धर्म है” — को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
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